जीवन का महत्व- प्रेरणादायक कहानी

परिचय:

जीवन एक अनमोल उपहार है, जिसे ईश्वर ने हमें दिया है। इस जीवन का हर क्षण मूल्यवान है, लेकिन अक्सर लोग इसे पैसे और भौतिक वस्तुओं को कमाने में व्यर्थ कर देते हैं। धन हमें सुख-सुविधाएँ दे सकता है, लेकिन जीवन का एक भी क्षण वापस नहीं ला सकता। इस संदर्भ में एक प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत है।

कहानी:

एक नगर में एक बहुत ही धनवान व्यक्ति रहता था। उसने अपना संपूर्ण जीवन पैसे कमाने में ही लगा दिया। उसके पास इतना धन था कि वह पूरा नगर खरीद सकता था, लेकिन उसने कभी किसी की सहायता नहीं की और न ही स्वयं उस धन का आनंद लिया।

वह अपने जीवन में इतना व्यस्त था कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसका बुढ़ापा आ गया। अंततः उसके जीवन का अंतिम दिन भी आ पहुँचा और यमराज उसके प्राण लेने के लिए पृथ्वी पर आए।

यमराज को देखकर वह व्यक्ति भयभीत हो गया और बोला –

“ प्रभु, मैंने तो अभी तक जीवन जिया ही नहीं। कृपया मुझे कुछ समय और दीजिए ताकि मैं अपनी कमाई हुई धन-दौलत का उपयोग कर सकूँ। ” यमराज ने कहा – “अब तेरे जीवन का समय पूरा हो चुका है, और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता।” व्यक्ति बोला – “प्रभु, मेरा आधा धन ले लीजिए और मुझे एक वर्ष का समय दे दीजिए।” लेकिन यमराज ने मना कर दिया। उसने फिर कहा – “तो मेरा 90% धन ले लीजिए और मुझे एक महीना दे दीजिए।” यमराज ने फिर मना किया। अंत में वह बोला –“मेरा सारा धन ले लीजिए और सिर्फ एक घंटा दे दीजिए।”

तब यमराज ने कहा – “बीता हुआ समय कभी भी धन से वापस नहीं खरीदा जा सकता।”

यह सुनकर धनवान व्यक्ति को एहसास हुआ कि उसने अपना संपूर्ण जीवन उस व्यर्थ चीज़ को कमाने में लगा दिया, जो आज उसके लिए एक क्षण भी नहीं खरीद सकी। दुखी मन से उसने मृत्यु को स्वीकार कर लिया।

कहानी से शिक्षा:

बंधुओ आपने देखा की जिस व्यक्ति ने अपना संपूर्ण जीवन जिसको कमाने में लगा दिया, वही चीज उसके लिए एक सेकंड का समय भी नही ख़रीद पाई। जीवन भगवान द्वारा दिया गया बहुमुल्य उपहारों में से एक है, जिसको पैसे से प्राप्त नही किया जा सकता। इसलिए जीवन के हर पल का आनंद लीजिये एवं उसको एन्जॉय करिए। कहा गया है

जीवन बहुत अमूल्य है, इसको व्यर्थ न जाने दे, हर पल को आनंद के साथ जिए तभी आप अपने जीवन से खुश हो सकते है।

Blog By:-

Dr. Meenaxi Sharma

Associate Professor

Biyani Girls B.Ed. College

CS Aditya Biyani

FROM THE DESK OF THE ASSISTANT DIRECTOR Bridging the gap between the classroom and the outside world is the goal of true education. The goal is to promote the complete

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