भारत मे वेब पत्रकारिता – Web Journalism in India

अमेरिका के न्यूयार्क टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जनरल ने जब अपने संस्करणों को समाचारों को डेटाबेस में रखने लगा तभी से यह माना जाता है कि वेब पत्रकारिता की शुरुआत हुई। 1983 में अमेरिका का एक न्यूज़ पेपर नाइट राइडर,कुछ लोगों की मांग पर कंप्यूटर पर समाचार और टीवी के कार्यक्रम दिखाने लगा। तब यह प्रयोग के स्तर पर ही था ।1990 आते-आते सैटेलाइट के प्रयोग से प्रसारण को गति मिली इसके बाद इसका प्रचार-प्रसार किसी आश्चर्य से कम नहीं है। भारत में इसका आगमन तकरीबन 1991 के बाद हुआ। कुछ लोगों ने साहसिक प्रयोग किए पर उस वक्त बड़ी संख्या में उपभोक्ता नहीं थे। भारत में इंटरनेट की उपलब्धता भी बहुत कम थी और यह सुविधा महंगी थी जो कई स्थानों पर सुलभ भी नही थी तब इंटरनेट की स्पीड भी ज्यादा नही थी। ऐसा लगा कि इसके अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा। कुछ कंपनियों ने अपने खर्चों में कटौती करके और दूसरे सेवाओं और भरोसेमंद विज्ञापन दाताओं के सहारे जैसे तैसे उस समय को पार लगाया। वेब पत्रकारिता का भारत में वह आरंभिक स्वरूप था लेकिन, जैसे-जैसे  इंटरनेट और उपभोक्ता बढ़े वैसे-वैसे इसको गति मिलनी शुरु हो गई। वेब पत्रकारिता में प्राण तभी आया जब स्थापित अखबारों ने इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया और अपने अपने समाचार पत्रों को पोर्टल पर ड़ालने लगे। इस तरह वेब पत्रकारिता एक नए जोश के रूप में सामने आने लगा। विश्व की बड़ी इंटरनेट सर्विस कंपनियां गूगल और याहू ने भी कदम बढ़ाया और भारत में हिंदी भाषाओं में अपने-अपने पोर्टल लांच किए तब इस क्षेत्र में क्रांति सी आई। भारत में वेब जर्नलिज्म का आधुनिक रूप हमको तब देखने को मिला जब 4G की शुरुआत हुई। भारत में रीजनल भाषाओं में जो वेब पत्रकारिता का प्रचार प्रसार हुआ है उसके योगदान को हम कम करके नहीं आंक सकते। तमिल मलयालम, कन्नड़ बांग्ला इत्यादि भाषाओं में अखबारों ने जब अपने वेब पोर्टल लांच किए तब पाठकों को एक नया विस्तार मिला और भारत के क्षेत्रीय वेब पत्रकारिता को एक नया आयाम।  सूचनाओं को दबाया नहीं जा सकता यह वेब पत्रकारिता की एक खूबी है।

सबसे तेज बने रहने की चुनौती

अब सोशल मीडिया के इतने टूल्स हैं कि कहीं न कहीं से सूचना प्राप्त हो ही जाती है। आज जबकि हर जानकारी एक क्लिक पर मौजूद है तब अगर वेबसाइट पर खबर नही पड़ती तो फिर पीछे रह जाएंगे ।टेलीविजन समाचार की ब्रेकिंग और  सबसे पहले रहने की होड़ यहां भी लागू है। आज व्यक्ति कहीं भी और कभी भी अपने हाथ मे लिए स्मार्ट मोबाइल पर सभी सुचनाओं को चाहता है।

योग्यता और समझ

वेब पत्रकारिता करने के लिए आप पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में आसानी से कदम रख सकते हैं। इसके लिए आप 12वीं के बाद मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन व उसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते है पत्रकारिता मे लेखन का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। खबरों की समझ के साथ तकनीकी जानकारी रखना भी के लिए जरूरी है। खबर को खबरों के बीच मे निकालकर लाना और उसे रोचक ढ़ंग से प्रस्तुत करने की कला आनी चाहिए ।

Written by-
Sanjay Kumar Singh
Department of Journalism & Mass Communication

Sustainable Development: A Distant Dream for the Poor

Introduction Sustainable development is not a new concept—it has existed since time immemorial. But somewhere along the way, we forgot sustainability and blindly followed development. Whenever we hear the phrase