व्यवसाय मे वित्तीय नियोजन का महत्व

वित्तीय नियोजन के महत्व को जानने से पहले वित्तीय नियोजन से क्या तात्पर्य है उसे जानना अत्यंत आवश्यक है वित्त नियोजन से तात्पर्य वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना बनाना और उसे लागू करना है जिसमें आय खर्च निवेश और ऋण प्रबंधन शामिल है वित्तीय नियोजन में सर्वप्रथम वित्तीय लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से पहचाना होता है उसके पश्चात इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाई जाती है योजना बनाने के पश्चात उसे क्रियान्वित किया जाता है और समय.समय पर उसका मूल्यांकन भी किया जाता है यह संपूर्ण प्रक्रिया वित्तीय नियोजन कहलाती है ।
किसी भी व्यवसाय की सफलता उसके वित्तीय नियोजन पर निर्भर करती है व्यवसाय छोटा हो या बड़ा वित्त का नियोजन करना अत्यंत आवश्यक है वित्त का नियोजन व्यवसाय के लिए एक रोड मैप तैयार करता है
इसके माध्यम से व्यवसाय के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है । वित्तीय नियोजन किसी भी व्यवसाय की दीर्घकालिक सफलता और स्थायित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है जब हम किसी कार्य को प्रारंभ करने से पहले योजना बना लेते हैं तो उस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तथा उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर पाते हैं तथा यह भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करता है ताकि हम उसका आसानी से सामना कर सके वित्तीय नियोजन लक्ष्य से भटकने नहीं देता है ।
वित्त नियोजन को अच्छी तरह समझने के लिए वित्त नियोजन के उद्देश्यों को जानना अत्यंत आवश्यक है वित्तीय नियोजन के उद्देश्य इस प्रकार है .

पूंजी आवश्यकताओं की पहचान करना .
वित्तीय नियोजन का उद्देश्य व्यवसाय की अल्पकालिक व दीर्घकालिक व्यय चल व अचल परिसंपत्तियों की लागत आदि का पता लगाना
पूंजी संरचना का निर्धारण .वित्तीय नियोजन का उद्देश्य यह जानना है कि व्यवसाय के लिए किस प्रकार की पूंजी संरचना उपयुक्त है इसमें श्रृण इक्विटी के अनुपात के निर्णय भी शामिल है
वित्तीय नीतियां . वित्तीय योजना का उद्देश्य व्यवसाय के लिए वित्तीय नीतियां तैयार करना है यह उधार ए ऋण नगदी नियंत्रण के अनुसार की जाती है
संसाधनों का उपयोग .वित्तीय योजना का उद्देश्य उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है अर्थात निवेश पर अधिकतम लागत लाभ और प्रतिफल सुनिश्चित करना ।
वित्तीय नियोजन के लाभ . वित्त नियोजन के लाभ इस प्रकार हैं .
वित्तीय स्थिरता . वित्त नियोजन से व्यवसाय को स्थिरता मिलती है यह व्यवसाय की स्थिति को समझने व उसके अनुसार योजना बनाने में सहायता करता है जिससे व्यवसाय में वित्तीय जोखिमों को कम किया जा सकता है।

लक्ष्य प्राप्ति . वित्त नियोजन से व्यवसाय के लक्ष्यो को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है जैसे कि लाभ बढ़नाए कर्ज कम करना आदि
जोखिम प्रबंधन . वित्त नियोजन से व्यवसाय के वित्तीय जोखिमों का प्रबंध किया जा सकता है जैसे बाजार जोखिम एक्रेडिट जोखिम आदि
कैश फ्लो प्रबंधन . वित्त नियोजन से व्यवसाय के नगद प्रवाह को प्रबंघित किया जा सकता है जिससे व्यवसाय के दायित्वों को पूरा किया जा सकता है।
निवेश निर्णय . वित नियोजन से व्यवसाय के निवेशों के संबंध में निर्णय लिए जा सकते हैं वित्तीय योजना द्वारा निवेश रणनीतियां विकसित की जा सकती है जो व्यवसाय के लक्ष्यो और जोखिम सहनशीलता के साथ संरक्षित हो जैसे स्टॉक ए बान्ड रियल एस्टेट या अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करना आदि जिसे समय के साथ रिटर्न उपलब्ध की क्षमता हो
समय की बचत . वित्तीय नियोजन से समय की बचत होती है तथा समय का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है
संसाधनों का सही उपयोग . वित्तीय नियोजन द्वारा उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है
अनिश्चित को कम करना . वित्तीय नियोजन द्वारा व्यवसाय की अनिश्चितताओं को कम किया जा सकता है

वित्तीय योजना के चरण 

वित्तीय लक्ष्य निर्धारण . सर्वप्रथम व्यवसाय के लक्ष्यो का निर्धारण करना । यह लक्ष्य दीर्घकालीन व अल्पकालिक हो सकते हैं
वित्तीय डेटा संग्रह . व्यवसाय के वित्तीय डाटा को एकत्रित करना जैसे की आय विवरण एबैलेंस शीटए रोकड़ प्रवाह विवरण
वित्तीय विश्लेषण . व्यवसाय के वित्तीय डेटा का विश्लेषण तथा मूल्यांकन करना ।
वित्तीय निगरानी . व्यवसाय की वित्तीय निगरानी करना जिससे व्यवसाय के वित्तीय लक्ष्यो को प्राप्त किया जा सकता है ।
वित्तीय नियोजन के चरणों का उपयोग करके व्यवसायी अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार कर सकता है और अपने वित्तीय लक्ष्यो को प्राप्त कर सकता है ।
निष्कर्ष . व्यवसाय में वित्तीय नियोजन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो किसी भी व्यवसाय की सफलता के लिए जरूरी है यह व्यवसाय की स्थिति को समझने और उसके अनुसार नियोजन करने में सहायता करता है वित्तीय नियोजन व्यवसायी को भविष्य की अनिश्चितताओं और चुनौती के लिए तैयार करता है एक प्रभावी वित्तीय योजना बनाने के लिए व्यवसायी को अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करना चाहिए एवं अपने वित्तीय नियोजन पर ध्यान देना चाहिए ।

Blog By:

सरिता शर्मा 

Assistant Professor

Education Department

The Ideal Woman: From Sita to the Present Date

Womanhood was never defined as something inanimate; it has always been a flowing and evolving concept shaped by time, cultural influences, religious beliefs, societal norms, and historical contexts. In the

Best Map-Making Tips for Students of Geography

Introduction: In this context, the skill of map-making is one of the most essential attributes among students of Geography. Be it school examinations, university papers, competitive tests such as UPSC,