अभिप्रेरणा की वर्तमान प्रासंगिकता

अभिप्रेरणा की वर्तमान प्रासंगिकता

वह आंतरिक कारक या दशा जिसमें क्रिया को आरंभ करने से लेकर उसे बनाए रखने की प्रवृति होती है जो जब तक जारी रहती है जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।

 

आज के तेजी से बदलते और प्रतिस्पर्धी युग में, अभिप्रेरणा का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। यह वह आंतरिक शक्ति है जो हमें लक्ष्यों को प्राप्त करने, हमारे व्यवहार को दिशा और ऊर्जा प्रदान करने, चुनौतियों का सामना करने और जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करती है।

 

अभिप्रेरणा के प्रकार:-

अभिप्रेरणा दो प्रकार की होती है:

    जैविक अभिप्रेरणा

जन्मजात अभिप्रेरणा

आंतरिक प्रेरक

जैसे:- भूख, प्यास, नींद, काम, व्यायाम, आराम, आदि जो हमारे         शरीर के लिए भी आवश्यक होते हैं।

इसे सकारात्मक अभिप्रेरणा भी कहते हैं।

                अर्जित अभिप्रेरणा

सामाजिक अभिप्रेरणा    बाहर्य प्रेरक

जैसे:- नौकरी, अनुमोहन ,प्रशंसा, आदि जो द्वितीयक प्रेरक हैं।

 

 

इसे नकारात्मक अभिप्रेरक भी कहते हैं।

 

 

 

1.) बाहरी अभिप्रेरणा: यह बाहरी कारकों जैसे कि पुरस्कार, मान्यता या दंड से प्रेरित होती है।

2.) आंतरिक अभिप्रेरणा: यह आंतरिक कारकों जैसे कि व्यक्तिगत रुचि, जुनून या मूल्यों से प्रेरित होती है।

 

अभिप्रेरणा के पक्ष:

अभिप्रेरणा के तीन पक्ष होते हैं, जो मनुष्य के जीवन को संचालित करते हैं।

1.आवश्यकता (Need)

2.चालक (Drive)

  1. उद्दीपन (Incentrive)

 

इन तीनो पक्ष के उदाहरण में कुछ इस प्रकार हैं :-

आवश्यकता चालक लक्ष्य
शरीर में किसी चीज की कमी या वृद्धि से जैसे शरीर में पानी की कमी प्यास। पानी की प्राप्ति

अतः जीवन में यह सञ्चालन चलता रहता है जिसे हम NDI में प्रदर्शित करते हैं

 

अभिप्रेरणा का महत्व:-

  1. लक्ष्यों को प्राप्त करना: अभिप्रेरणा हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रयास करने में मदद करती है।
  2. चुनौतियों का सामना करना: जब हम प्रेरित होते हैं, तो हम चुनौतियों को अवसरों के रूप में देखते हैं और उनसे पार पाने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। प्रेरित व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और उत्साह बनाए रखते हैं, जिससे वे समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम होते हैं।
  • सकारात्मक दृष्टिकोण व मानसिक स्वास्थ्य : अभिप्रेरणा हमें सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने और निराशावादी विचारों से बचने में मदद करती है। वर्तमान समय में तनाव और चिंता के बीच, प्रेरणा मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है।
  1. आत्मसमर्पण से बचाव: प्रेरणा हमें कठिन समय में हार मानने से रोकती है और संघर्ष की भावना को बनाए रखती है, जिससे हम अपने उद्देश्यों की ओर बढ़ते रहते हैं।
  2. आत्मविश्वास: जब हम प्रेरित होते हैं, तो हम अपनी क्षमताओं में विश्वास करते हैं और जोखिम लेने के लिए तैयार रहते हैं।
  3. उत्पादकता: अभिप्रेरणा हमें अधिक उत्पादक और कुशल बनने में मदद करती है। हमें निरंतर सुधार और मेहनत के लिए प्रेरित करती है, जिससे लक्ष्य प्राप्त होते हैं।
  • सामाजिक योगदान: प्रेरित व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे बढ़ते हैं।

प्रेरणा का मार्ग:-

अभिप्रेरणा

सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास

नई चुनौतियों का सामना और नवाचार

व्यक्तिगत एवं पेशेवर सफलता

 

वर्तमान संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता के कुछ मुख्य बिंदु:

  • ) संकट का सामना करना: दुनिया में वैश्विक चुनौतियों, जैसे आर्थिक संकट, महामारी, और पर्यावरणीय समस्याओं के बीच, अभिप्रेरणा हमें नकारात्मकताओं से उबरने और समाधान खोजने की प्रेरणा देती है।
  • ) नवाचार और रचनात्मकता: टेक्नोलॉजी और विज्ञान के क्षेत्र में, नई खोजों और विचारों के लिए प्रेरणा की आवश्यकता होती है। यह प्रेरणा ही हमें समस्याओं को नए दृष्टिकोण से देखने और कुछ नया करने का साहस देती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन: वर्तमान समय में मानसिक तनाव, चिंता और अनिश्चितता आम बातें हैं।आज के व्यस्त जीवन और बढ़ते तनाव में अभिप्रेरणा मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। जब हम प्रेरित महसूस करते हैं, तो असफलताओं से सीख लेकर आगे बढ़ना आसान हो जाता है।
  • प्रेरणा का आपसी प्रभाव: समाज और समुदाय: आज के डिजिटल समाज में प्रेरणा सिर्फ़ व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया, ऑनलाइन समुदाय और नेटवर्किंग ने प्रेरणा के स्रोतों को विस्तृत कर दिया है। एक प्रेरणादायक कहानी, उद्धरण या वीडियो लाखों लोगों तक सकारात्मक ऊर्जा पहुँचा सकता है, जिससे सामूहिक रूप से समाज में एक नया उत्साह जागृत हो जाता है।
  • ) जीवन के उद्देश्य की प्राप्ति: अपने जीवन के उद्देश्य को पहचानने और उसके लिए समर्पित रहने के लिए अभिप्रेरणा एक मार्गदर्शक की तरह काम करती है।

अभिप्रेरणा कैसे बढ़ाएं:-

  • अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें: अपने लक्ष्यों को लिखें और उन्हें प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं।
  • सकारात्मक रहें: सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और अपनी सफलताओं पर ध्यान केंद्रित करें।
  • प्रेरक लोगों के साथ रहें: ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको प्रेरित करते हैं और आपका समर्थन करते हैं।
  • अपनी सफलताओं का जश्न मनाएं: अपनी सफलताओं को स्वीकार करें और उनसे सीखें।

 

समापन विचार:-

इन तकनीकों का संयोजन एक स्वस्थ मानसिक वातावरण बनाने में मदद करता है। जब आप अपने आप को रोज सकारात्मक विचारों, ध्यान, आत्म-निरीक्षण, एवं सामाजिक समर्थन के जरिए प्रेरित करते हैं, तो आप मानसिक दबाव, चिंता और तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। परिणामस्वरूप, न केवल आपकी अध्ययन क्षमता और पेशेवर दक्षता में वृद्धि होती है, बल्कि आपकी समग्र जीवनशैली भी संतुलित और स्वस्थ बनती है। अभिप्रेरणा केवल बाहरी कारकों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह भीतर से आती है। इसे बनाए रखना और सही दिशा में केंद्रित रखना जीवन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक हो सकता है ।

Blog By: 

विनीता शर्मा

Assistant Professor

Education Department

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